Beti Bachao ..... kis se??

बेटी  बचाओ - कुछ सवाल 


१. बेटी को किस से बचाओ 
२ बेटी खुद बचने के लिए  सक्षम क्यों नहीं हो पायी 

कुछ question जो कि मेरे mind में बहुत दिन से चल रहे थे। चलो इनका सवालों का कारण ढूँढ़ते हैं


१. बेटी को किस से बचाओ 

ये सवाल पैदा हुआ इस बेचैनी से कि बेटी सुरक्षित नहीं है, चाहे वो बढ़ी हो या छोटी, पर क्यों?

मेरे ख्याल से हमारा system ख़राब था, शायद इसलिए - अगर हम ठीक होना  चाहते हैं तो
हमें अपनी hypocrisy छोड़नी होगी।  एक तरफ लड़कियों की पूजा की  जाती है देवी के रूप में, उसके बाद उसी देवी से पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद माँगा जाता है।

यही पूजनीय देवी जब अपने menses में आती है , उन 4 -5  दिनों के लिए मंदिर में आने की permission नहीं होती। ये कुछ अटपटी बातें हैं , जिनमें सुधार की आवश्यकता है।
ऐसे मंदिर, मस्जिद व् अन्य सभी धार्मिक स्थलों का पूर्ण बहिष्कार होना चाहिए ,जो समाज में असमानता फैलाते हैं।

जब बेटी पैदा होगी तो लोग hidden सांत्वना देंगे, उस बेटी को किसी देवी का रूप कह कर।
बेटियों को इन लोगों और धर्म का चोला ओढ़ने वाले कप्टी ठेकेदारों से बचाओ।

2. बेटी खुद बचने के लिए  सक्षम क्यों नहीं हो पायी 


Without Menses, world wont exist
जब तक ये खराबियां, सामाजिक hypocrisy  रहेगी, तब तक,  एक वर्ग कमज़ोर होगा और एक ताकतवर , और फिर उस कमज़ोर वर्ग को  बचाने का ढोंग करने के  लिए, वही ताकतवर  वर्ग के लोग फ़िज़ूल किस्म के उसूल बनाएंगे।
तब तक बेटी खुद बचने के लिए सक्षम नहीं हो पायेगी , जब तक इसी कमज़ोर वर्ग की औरतें, ताकतवर वर्ग की कठपुतलियां बन कर रहेंगी।

scheduled prohibition
जब तक झांसी  की रानी की इज़्ज़त मर्दानी कह कर की जाएगी , तब तक समाज में बंदलाव मुश्किल है।
जब मर्द ज़नाना होता है , तो वह हसी का पात्र है , जब औरत मरदाना होती है तो वो बचाने वाली है और इज़्ज़त की पात्र है।
जब तक यह सोच ठीक नहीं होगी , विकसित नहीं होगी, बेटी को बचाना ही पड़ेगा और वो बचने के लिए सक्षम
नहीं हो पायेगी।  उसे रक्षा के लिए बंधनों की आवश्यकता रहेगी।

DISCLAIMER:- These are my personal views and taken from what ever is happening around.
These are not to target any religion or community. The campaign of Beti Bachao and Beti Padao is a fantastic campaign and i totally accede to it. But the cause, which led us to this day of campaign must be discussed, henceforth.




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