Kyo Badal Gaye hum?

Kyon....  बदल  गए हम 



वो माँ का सुबह  सर पर हाथ फेर कर उठाना 

और लंच बॉक्स के साथ स्कूल  को भिजवाना

पापा के डर से किताबें  लेकर पड़ने  को बैठ जाना

क्या बदल गया ये सब ?



माँ  के हाथ की झुरीयाँ  चुभने सी लगी थी

पापा की खांसी महसूस होती नहीं थी

ज़िन्दगी में कुछ करने की चाह में

अब लगता है बदल गया सब 




ज़िन्दगी की चकाचौन्द  में सब से आगे 

आँख मूँद कर फिर हम भी भागे 

माँ बाप से दूर जा कर -- आखिर आज फिर हम भी जागे 

लगता है जैसे बदल गए हम 



अब माँ बाप को वापस लाने का दिल करता है 

ज़रुरत को तकिये के  नीचे छुपाने का दिल करता है 

पर वापिस जाने से आज भी  दिल डरता है 

क्या सच में बदल गए हम 



अब मौत की देहलीज़ पर जो खुद को खड़ा पाया है 

फिर से माँ बाप का चेहरा दिल में आया है 

ज़रुरत के नाम पे क्या खोया क्या पाया है 

कितने बदल गए थे हम ये आज समझ में आया है   II 

Comments

Popular posts from this blog

CHAJJU HALWAI as Delhi ka CM

GANDHIJI TALISMAN

NO Relief from BEEF